Tuesday, 10 April 2012

सिन्धी भाषा दिवस पर एक संगोष्ठी



अजमेर 10 अप्रेल - भारतीय सिन्धु सभा अजमेर द्वारा सिन्धी भाषा को मान्यता मिलने पर सिन्धी भाषा दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार एम.टी. भाटिया ने कहा कि  मातृ भाषाके ज्ञान से ही अपनी संस्कृति की जानकारी मिलती है एवं हर एक मनुष्य को अपनी पहचान उसी की मातृभाषा से ही होती है । मातृ भाषा की पहचान बनाये रखने के लिए हमें संकल्प लेना होगा।  इसके पश्चात भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट््रीय उपाध्यक्ष श्री नवलराय बच्चाणी ने कहा कि युवा पीढी को सिन्धी भाषा के पाठयक्रम का उपयोग करना चाहिये एवं प्रशासनिक पदो ंकी परीक्षा में भी सिन्धी भाषा का चयन करना चाहिये ।

 उल्लेखनीय है कि सविंधान की आठवी अनुसूची में सिन्धी भाषा को मान्यता 10 अप्रेल 1967 को  प्राप्त हुई थी ।

इस अवसर पर सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन के 1300वें बलिदान वर्ष व 16 जून  के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी कवंल प्रकाश किशनाणी ने दी एवं आगामी 23-25 जून को आयोजित सिन्धु दर्शन यात्रा की जानकारी दी ।
  सभा के महानगर मत्री मोहन तुलस्यिाणी ने स्वागत भाषण व अध्यक्ष परमानन्द आहूजा ने आभार प्रकट   
  किया एवं संचालन महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया ।गोष्ठी में खेमचन्द नारवाणी, तुलसी सोनी, भगवान कलवाणी, नानकराम, प्रकाश जेठरा कमलश शर्मा,डॉ. राजेश टेकचंदाणी, वासुदेव कृपलाणी, के.जे. ज्ञानी, प्रकाश जेठरा, गीता मटाई,  इसर भम्भाणी, राम मटाइ्र, नरेन्द्र बसराणी, शिवजी बम्बोमल सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

(मोहन तुलस्यिाणी )
महानगर मंत्री,
मो. 94131 35031




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