Wednesday, 31 August 2011
Monday, 29 August 2011
Sunday, 28 August 2011
Friday, 26 August 2011
Thursday, 25 August 2011
सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति,अजमेर
दिनांक 25 अगस्त 2011
अजमेर 25 अगस्त -सिन्ध के बिना हिन्द अधूरा है , पवित्र सिन्धु नदी वहां से निकलती है तथा सभ्यता संस्कृति की ‘ाुरूआत सिन्धु घाटी से हुई वहां के ऐसे ‘ाासक सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन थे जिन्होने सदैव विदेशी आक्रमण सहे और लगातार मुकाबला करते हुये देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये अपना बलिदान दिया । उक्त सम्बोधन सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन का जयन्ती कार्यक्रम के तहत पूर्व सांसद श्री ओंकार सिंह लखावत ने कहे । नगर सुधार न्यास, नगर निगम व पर्यटन विभाग के सहयोग से समारोहपूर्वक कार्यक्रम की ‘ाुरूआत हिंगलाज माता पूजा अर्चना व महाराजा द्ाहरसेन के चित्र पर श्रद्वासुमन अर्पित किये । सर्वप्रथम कु. ममता तुलस्यिाणी ने वन्दे मात्रम, हरिसुन्दर बालिका की पूनम नवलाणी व गायत्री ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किये । पर्यटन विभाग की ओर से बून्दी के बाबूलाल, पुष्कर की ‘ान्ति देवी, अजमेर के सुरंगानन्द, कालबेलिया नृत्य व कच्ची घोडी का नृत्य मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया ।
कार्यक्रम में राजस्थान सिन्धी अकादमी की ओर से आयोजित रंगभरो प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को समिति की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में मोहन तुलस्यिाणी ने स्वागत भाषण व श्री कवंलप्रकाश किशनाणी ने आभार प्रकट किया एवं कार्यक्रम का संचालन आभा भारद्वाज व महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया ।
कार्यक्रम में विधायक प्रो. वासुदेव देवनाणी, श्रीमति अनिता भदेल, पाषर्द खेमचन्द नारवाणी, दीपेन्द्र लालवाणी, पूर्व सभापति श्रीमति सरोज देवी जाटव, सोमरत्न आर्य, श्री नवलराय बच्चाणी, भगवान कलवाणी, राजेन्द्र लालवाणी, वेदप्रकाश जोशी, स्वतंत्रता सेनानी ईसरसिंह बेदी, सिन्धी सेन्ट््रल महासमिति के महासचिव गिरधर तेजवाणी, जयकिश पारवाणी, ईश्वर भम्भाणी, रमेश मेंघाणी, जोधा टेकचंदाणी, मनोहर मोटवाणी, कमलेश ‘ार्मा, धर्मपाल सिंह, धर्मदास मंघाणी, रमेश एच.लालवाणी, ललित देवाणी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
अजमेर 25 अगस्त -सिन्ध के बिना हिन्द अधूरा है , पवित्र सिन्धु नदी वहां से निकलती है तथा सभ्यता संस्कृति की ‘ाुरूआत सिन्धु घाटी से हुई वहां के ऐसे ‘ाासक सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन थे जिन्होने सदैव विदेशी आक्रमण सहे और लगातार मुकाबला करते हुये देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये अपना बलिदान दिया । उक्त सम्बोधन सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन का जयन्ती कार्यक्रम के तहत पूर्व सांसद श्री ओंकार सिंह लखावत ने कहे । नगर सुधार न्यास, नगर निगम व पर्यटन विभाग के सहयोग से समारोहपूर्वक कार्यक्रम की ‘ाुरूआत हिंगलाज माता पूजा अर्चना व महाराजा द्ाहरसेन के चित्र पर श्रद्वासुमन अर्पित किये । सर्वप्रथम कु. ममता तुलस्यिाणी ने वन्दे मात्रम, हरिसुन्दर बालिका की पूनम नवलाणी व गायत्री ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किये । पर्यटन विभाग की ओर से बून्दी के बाबूलाल, पुष्कर की ‘ान्ति देवी, अजमेर के सुरंगानन्द, कालबेलिया नृत्य व कच्ची घोडी का नृत्य मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया ।
कार्यक्रम में राजस्थान सिन्धी अकादमी की ओर से आयोजित रंगभरो प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को समिति की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में मोहन तुलस्यिाणी ने स्वागत भाषण व श्री कवंलप्रकाश किशनाणी ने आभार प्रकट किया एवं कार्यक्रम का संचालन आभा भारद्वाज व महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया ।
कार्यक्रम में विधायक प्रो. वासुदेव देवनाणी, श्रीमति अनिता भदेल, पाषर्द खेमचन्द नारवाणी, दीपेन्द्र लालवाणी, पूर्व सभापति श्रीमति सरोज देवी जाटव, सोमरत्न आर्य, श्री नवलराय बच्चाणी, भगवान कलवाणी, राजेन्द्र लालवाणी, वेदप्रकाश जोशी, स्वतंत्रता सेनानी ईसरसिंह बेदी, सिन्धी सेन्ट््रल महासमिति के महासचिव गिरधर तेजवाणी, जयकिश पारवाणी, ईश्वर भम्भाणी, रमेश मेंघाणी, जोधा टेकचंदाणी, मनोहर मोटवाणी, कमलेश ‘ार्मा, धर्मपाल सिंह, धर्मदास मंघाणी, रमेश एच.लालवाणी, ललित देवाणी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
Monday, 22 August 2011
लेह में सिन्धु घाट पर बेहराना साहिब
Sindhu Darshan
Organised By- Bhartiya Sindhu Sabha,Delhi
27-30 Aug.2011
DAY 01: DELHI TO LEH: 27 Aug.2011
On arrival at Leh our representative will receive you at the airport and transfer to the hotel for overnight. Complete rest and relaxation is recommended to acclimatize to rarefied air and to avoid high altitude sickness. In late afternoon, if feeling normal visit the Leh Bazar Exquisite shawls and Mask as well as local handicraft could be of interest to you. Dinner and overnight at hotel.
DAY 02: LEH AND SURROUNDINGS: 28 Aug.2011
Visit Sindhu Ghat For Bahirana Pujan,Jhulelal Stuti Gaan & Nahan, We will visit to Spitup monastery, Hall of Fame, Stok palace & Museum, Pathar Sahib, Magnetic Hill, Indus & ZanskarSangam. Dinner and overnight at hotel.
DAY 03: LEH TO KHARDONGLA AND LEH: 29 Aug.2011
After breakfast, drive to Khardungla Pass, the highest motorable road. Return back to hotel late afternoon. At leisure.Dinner and overnight at Hotel.
DAY 04: LEH TO DELHI: 30 Aug.2011
Morning Transfer to Airport to board flight to New Delhi.
TOUR COST-Rs.17000/= PER PERSON
Contact For Details- MAHENDER SANPAL (PAPPA) ----------09910050252
HARI ASWANI- ----------------------------- 09811142796
HEMAN DASS MOTWANI---------------- 09891816058
DEVI LAL LALWANI ----------------------- 09212238590
KAMAL KHATRI--------------------------- - 09212661495
MANOJ GOGIA----------------------------- 09971769696
Saturday, 20 August 2011
सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति,अजमेर
अजमेर 20 अगस्त सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन का जयन्ती कार्यक्रम आगामी 25 अगस्त 2011 को सुबह 9 बजे से समारोहपूर्वक आयोजित किया जायेगा ।
समिति की ओर से आगामी 23 अगस्त को प्रातः 10 बजे से राजस्थान सिन्धी अकादमी की ओर से आयोजित रंगभरो प्रतियोगिता विभिन्न विद्यालयों में आयोजित की जायेगी एवं विजेताओं को 25 अगस्त को आयोजित मुख्य कार्यक्रम में सम्मानित किया जायेगा । प्रतियोगिता दो वर्गो कक्षा 6 से 8 व कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी भाग लेगें । अकादमी की ओर से शीटें उपलब्ध कराई जायेगी ।
समारोह स्थानीय हरिभाउ उपाध्याय नगर स्थित सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर नगर सुधार न्यास, नगर निगम व पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित किया जायेगा जिसमें हिंगलाज माता की पूजा अर्चना, पुष्पांजलि, पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित देशाभक्ति आधारित संास्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा ।
Friday, 19 August 2011
राजस्थान में २१ स्थानों पर सिन्ध स्मृति दिवस कार्यक्रम
सिन्ध के बिना हिन्द अधूरा है - लेखराज माधू
भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान द्वारा सिन्ध स्मृति दिवस का आयोजन
भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान द्वारा सम्पूर्ण राजस्थान में 14 अगस्त को सिन्ध स्मृति दिवस का आयोजन किया गया । इसी दिन 1947 में अखण्ड भारत का एक और विभाजन हुआ और सिन्ध प्रान्त भी भारत से अलग हो गया । वहां बसे सिन्धी बन्धुओं को शरणार्थी बन धर्म रक्षार्थ सम्पूर्ण भारत में बसने के लिये विवश होना पडा ।
सिन्धी बन्धुओं को सिन्ध की स्मृति बनी रहे, नई पीढी के युवाओं को अपनी प्यारी सिन्ध की स्मृति को बनाए रखने के उद्देश्य से भारतीय सिन्धु सभा द्वारा सम्पूर्ण देश भर में 14 अगस्त को अखण्ड भारत एवं सिन्ध स्मृति दिवस के रूप में मनाने का निष्चय किया गया है ।
इस बार राजस्थान में सिन्धु सभा द्वारा निरन्तर आग्रह के परिणाम स्वरूप प्रान्त के 21 स्थानों पर सिन्ध स्मृति दिवस का आयोजन किया गया । इन स्मृति कार्यक्रमों में बड़ी संख्या सिन्धी बन्धुओं के अलावा स्थानीय बन्धुओं ने भी पूरे सम्मान के साथ भाग लिया । राजस्थान के निम्न स्थानों पर सिन्ध स्मृति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया: जयपुर, जोधपुर, पाली आबूरोड, उदयपुर, बांसवाडा, ब्यावर, अजमेर, कोटा, भीलवाडा, झालावाड, किषनगढ, खेरथल, मुण्डावर, किषनगढबास, बीकानेर, सूरतगढ,, बालोतरा, नोहर, हनुूमानगढ एवं सोजत ।
उल्लेखनीय हैं कि हाल ही में भारतीय सिन्धु सभा द्वारा अपनी युवा ईकाई का गठन राज्य स्तर पर किया गया है । जोधपुर में युवा ईकाई द्वारा इस अवसर पर सिन्ध की सांस्कृतिक स्मृति को चिरंजीवी बनाने के लिये एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । इस चित्र प्रदर्शनी में सिन्ध के ऐतिहासिक स्थल, सिन्ध का मानचित्र, सिन्ध के सन्त एवं वेशभूषा की जानकारी प्रदान कराई गई थी । जोधपुर के कार्यक्रम में यह आकर्षण का केन्द्र बन गई ।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीमा जनजागरण के अखिल भारतीय संगठन मन्त्री श्री राकेश कुमार ने विश्वास दिलाया कि शीघ्र ही सिन्ध पुनः अखण्ड भारत का हिस्सा बनेगी । और ऐसा हम अपनी आंखों से देखेंगें । उन्होने सिन्ध स्मृति कार्यकमों केा समय की आवष्यकता बताते हुए सिन्धु सभा का इसके लिये आभार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सिन्धु सभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री लेखराज माधू ने सिन्ध के गौरवमयी इतिहास की चर्चा करते हुए सिन्धी बन्धुओं को इसकी स्मृति को दिल में संजोते हुए विश्वास दिलाया कि सिन्ध पुनः अखण्ड भारत का हिस्सा बनेगी । अजमेर के कार्यक्रम को राष्टीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त कार्यवाह श्रीमान हनुमानसिंह जी ने सम्बोधित किया । जयपुर में मुख्य अतिथि वासुदेव देवनानी एवं मुख्य वक्ता भारतीय षिक्षण मण्डल के राष्टीय अध्यक्ष श्री मोहनलाल छीपा थे ।बीकानेर के कार्यक्रम में सिन्धु सभा के प्रान्तीय संगठन मन्त्री श्री मोहनलाल वाधवानी मुख्य वक्ता थे ।
लगभग सभी स्थानों पर कार्यक्रम को सिन्ध माता की पूजा, सिन्धी बालकों द्वारा सिन्धी देश भक्ति गीत, सांस्कृतिक माध्यमों सिन्ध पर गोष्ठियों आदि का आयोजन किया गया ।
शंकर मंघनानी
प्र्रदेशप्रचार मन्त्री, भारतीय सिन्धु सभा, राजस्थान
Tuesday, 16 August 2011
नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिता
राजस्थान सिन्धी अकादमी एवं पूज्य सिन्धी सेन्ट्रल पंचायत अजमेर
द्वारा आयोजित नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिता
सिन्धी गीत, संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता सम्पन्न
जयपुर, 8 अगस्त (वि0)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा सिन्धी सैन्ट्रल महासमिति, अजमेर के सहयोग से सन्त कंवरराम उ0मा0वि0, आशा गंज, अजमेर में 6 अगस्त, 2011 को सायं 4.00 से 7.00 बजे तक जिला स्तरीय सिन्धी गीत, संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता का शुभारम्भ भगवान श्री झूलेलाल जी की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्र्यापण तथा सरस्वती वंदना से हुआ। अकादमी अध्यक्ष श्री प्रकाश टेकवाणी ने अपने उद्बोधन में प्रतियोगिता के आयोजन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि आज का युवा वर्ग अपनी मातृभाषा एवं संस्कृति से विमुख होता जा रहा है, उक्त प्रतियोगिता में उच्च प्राथमिक स्तर से लेकर महाविद्यालय स्तर तक के विद्यार्थियों को भागीदार बनाया गया है, जो अपनी प्राचीन एवं समृद्ध सिन्धी संस्कृति से आमजन को रूबरू करायेंगे। यह प्रतियोगिता निश्चित रूप से भावी पीढ़ी को अपनी बोली एवं संस्कृति को अक्षुण बनाये रखने में सहायक सिद्ध होगी।
अकादमी की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने कहा कि संघ लोकसेवा आयोग/राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा/राजस्थान प्रषासनिक सेवाओं की परीक्षाओं में सिन्धी विषय लेने वाले अभ्यार्थियों हेतु सिन्धी विषय की पुस्तकें अकादमी में उपलब्ध करवा दी गई हैं तथा अभ्यार्थियों को संत कंवरराम स्कूल, अजमेर में डा0कमला गोकलाणी द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अकादमी की त्रैमासिक समाचारिका ’’सिन्धुदूत’’ का नियमित प्रकाशन प्रारम्भ किये जाने के साथ-साथ अकादमी की वार्षिक पत्रिका ’रिहाण’ के प्रकाशन की प्रक्रिया भी प्रारम्भ कर दी गई है। अकादमी की वेबसाईट नियमित रूप से अपडेट की जा रही है तथा वेबसाईट पर अकादमी की गतिविधियों, भावी योजनाओं तथा प्रकाशनों की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
सिन्धी सैन्ट्रल महासमिति, अजमेर के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक श्री नरेन शाहनी ’भगत’ ने उद्बोधन में अकादमी द्वारा सिन्धी भाषा एवं संस्कृति के विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये अकादमी के कार्यक्रमों में हर-संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अकादमी द्वारा पहली बार इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन विद्यार्थियों में अपनी संस्कृति के प्रति रूचि जागृत करने में अहम भूमिका निभायेगी।
प्रतियोगिता गायन, नृत्य एवं वादन में एकल एवं युगल में आयोजित की गई। प्रतियोगिता के एकल गायन के प्रथम वर्ग (कक्षा 6 से 8 वीं) में कु0नेहा प्रथम एवं भरत राजाणी द्वितीय रहे। द्वितीय वर्ग (कक्षा 9 से 12 वीं) में पूनम नवलानी प्रथम, जय भेरवाणी द्वितीय एवं अंजू ठकुर तृतीय रहे। इसी प्रकार समूह गायन में कु. मनीषा भागचंदाणी प्रथम एवं दीपा भागवानी द्वितीय रहे। एकल नृत्य में कु. खुशबू शर्मा प्रथम, लता मोतियानी द्वितीय एवं वर्षा दिलीप कुमार तृतीय स्थान पर रहे। समूह नृत्य में कु. रेशमा बाबाणी एवं साथी प्रथम, कु.मनीषा भागचंदाणी एवं साथी द्वितीय तथा दिनेश गोहराणी एवं साथी तृतीय स्थान पर रहे। कु. नीलम नारवाणी, कु. परमेष्वरी, दिनेश शर्मा, कु.गायत्री श्रीप्रकाश, कु.कविता भागवाणी एवं कु. दिव्या आलवाणी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये गये।
विजेताओं को अकादमी की ओर से पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में अपनी-अपनी श्रेष्ठ प्रस्तुतियां दी तथा दर्षकों का खूब मनोरंजन किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में सिन्धी के सुप्रसिद्ध गायक एवं कलाकार श्री मिर्चूमल सोनी, श्रीमती कौशल्या कुंदनाणी एवं श्री मोहन सागर थे।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री नवलराय बचाणी, आयुक्त नगर निगम जयपुर श्री किशोर कुमार, पुलिस उप अधीक्षक श्री विष्णु सामताणी, अकादमी के पूर्व सदस्य श्री सुरेश बबलाणी, पार्षद खेमचंद नारवाणी, पार्षद रश्मि हिंगोरानी, एम.टी.भाटिया, प्रकाश जेठरा, शंकर टिलवाणी, हरिकिशन टेकचंदाणी, नरेन्द्र बसराणी, राम मटाई, उत्तम गुरूबक्षाणी, खुषीराम ईसराणी, विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य/षिक्षक एवं कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन अकादमी के पूर्व संभाग प्रभारी श्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया। इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका ’सिन्धुदूत’ का भी विमोचन किया गया। अन्त में अकादमी सचिव ने सभी आगन्तुकों का हार्दिक आभार प्रकट किया।
(दीपचन्द तनवाणी)
सचिव
Monday, 15 August 2011
Sunday, 14 August 2011
जिला सिन्धु समागम एवं सिन्ध स्मृति दिवस
भारतीय सिन्धु सभा
जोधपुर महानगर
जिला सिन्धु समागम एवं सिन्ध स्मृति दिवस
अखण्ड भारत को साकार करना हे तो सिन्ध की स्मृति बनाए रखनी होगी – लेखराज जी माधू
जोधपुर । १४ अगस्त २०११ का दिन जोधपुर के सिन्धी इतिहास में एक नई कहानी जोड गया । सभा की जोधपुर महानगर ईकाई द्वारा आयोजित जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में अच्छी संख्या में कार्यकर्ताओं एवं सदस्यों ने भाग लेकर अपनी सक्रियता एवं सिन्धु सभा के सिद्वान्तों के प्रति अपनी प्रतिबद्वता को अभिव्यक्त किया । तीन सत्रों तक चले सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रथम सत्र में भारत माता,सिन्ध एवं भगवान झ्ूलेलाल के चित्रों पर पुष्पाहार एवं दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात सभा के राजस्थान के अध्यक्ष लेखराज जी माधु ने अखण्ड भारत को अनिवार्य बताया एवं सिन्ध को पुन प्राप्त करना इसकी एक महत्वपूर्ण कडी । उन्होनें आह्रवान किया कि सिन्ध की स्मृति को न केवल अपने दिलों में संजोये रखें वरन नई पीढी तक इसे उसी गर्माहट के साथ पहुचाने का भी कार्य करना होगा । प्रथम सत्र में उन्होनें सिन्ध के गौरवमयी इतिहास की विस्तार से चर्चा की ।
सत्र के उत्तरार्ध में राष्टीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक श्री चन्द्रशेखर ने कार्यकर्ता के लिये अपेक्षित कार्यो की चर्चा की । उन्होनें कहा कि ध्येय को नहीं भूलना दिशा को सही रखना किसी भी संगठन के लिये अत्यन्त आवश्यक होता है ।
समागम के द्वितीय एवं सत्रों में सिन्धु सभा के उददेश्यों एवं इनकी प्राप्ति के लिये अपेक्षित प्रयासों पर समाज के गणमान्य बन्धुओं के साथ गहन विचार विमर्शकियागया ।
सिन्धु सभा की युवा ईकाई द्वारा लगाई चित्र प्रदर्शनी थी आकर्षण का केन्द्र
सिन्धु सभा की जोधपुर युवा इकाई द्वारा सिन्ध स्मृति दिवस पर सिन्ध की याद को ताजा रखनेके लिये आकर्षक चित्र प्रदर्शनी ने कार्यक्रम में आए सभी बन्धुओं का ध्यान आकर्षित किया । इस प्रदर्शनी में सिन्ध के महत्वपूर्ण स्थलों, सिन्ध के सन्तों शहीदों के साथ सिन्धी संस्कृति को चित्रों के माध्यम से सजीव किया गया । प्रदर्शनी में सिन्धी बन्धु सिन्ध में अपने नगर ग्राम को ढूढते एंव अपने बच्चां को जानकारी देते नजर आए । युवा ईकाई के इस प्रयास को सभी बन्धुओं द्वारा सराहा गया । हाल ही में गठित महानगर की युवा इकाई की इस पहल ने ईकाई के गठन की सार्थकता सिृद्व की । सिन्धी बन्धुओं में विश्वास दिलाया कि नई पीढी सिन्ध को भूली नहीं वरन्र दूने उत्साह से इसे जीवित रखने को कृत संकल्पित है ।
सिन्ध स्मृति दिवस
शाम को ०६-३० बजे प्रारम्भ हुए सार्वजनिक कार्यक्रम में तेज बारशि के बावजूद जनता ने उत्साह पूर्वक कार्यक्रम में भाग लिया । मुख्य वक्ता श्री लेखराज माधू ने सिन्धी भाषा, सिन्धी साहित्य एवं सिन्धी बोली को जिन्दा रखने की आवश्यकता पर बल दिया । सीमाजन कल्याण परषिद के राष्टीय संगठन मन्त्री श्री राकेश कुमार ने विश्वास दिइलाया की शीघ्र ही सिन्ध पाकिस्तान से अलग होगा । भारत को अखण्ड होता हम अपनी आंखों से देखेंगें ।
कार्यक्रम में सिन्धी संस्कृति के विकास के लिये उल्लेखनीय योगदान देने वालेनागरिकों का अभिन्न्दन किया गया । सिन्धी को तृतीय भाषा के रुप में लेने वाले बालकों को सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम में बडी संख्या में सिन्धी गणमान्य नागरिकोंने पूरे समय उपस्थित रह कर सिन्ध के प्रति अपनी स्मृति को दर्ज कराया ।
भारतीय सिन्धु सभा के सभी कार्यकर्ताओं ने अपनी दिन रात के परिश्रम से कार्यक्रम को सफ्ल बनाने में योगदान प्रदान किया ।
श्री तीरथ डोडवानी अध्यक्ष भारतीय सिन्धु सभा जोधपुर, डा प्रदीप गेहानी सचिव श्री अशोक मूलचन्दानी प्रदेश अध्यक्ष युवा ईकाई एवं श्री भरत आवतानी अध्यक्ष युवा इकाई जोधपुर महानगर ने कार्यक्रम में आए लोगों का आभार व्यक्त किया ।
सिंध स्मृति दिवस 2011
सिंध स्मृति दिवस २०११
अजमेर नगर
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eks- 94131 35031
Saturday, 13 August 2011
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें
आप सभी को रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें
आइये हम सभी रक्षा बंधन पर संकल्प लें --
राष्ट्र की सीमओं की रक्षा का
राष्ट्र के सम्मान की रक्षा का
राष्ट्र के गौरव की रक्षा का
राष्ट्र के मान बिन्दुओ की रक्षा का
राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास की रक्षा का
राष्ट्र की सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा का
सामाजिक समरसता की रक्षा का
राष्ट्र के अर्थ तंत्र की रक्षा का
आइये हम सभी रक्षा बंधन पर संकल्प लें --
राष्ट्र की सीमओं की रक्षा का
राष्ट्र के सम्मान की रक्षा का
राष्ट्र के गौरव की रक्षा का
राष्ट्र के मान बिन्दुओ की रक्षा का
राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास की रक्षा का
राष्ट्र की सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा का
सामाजिक समरसता की रक्षा का
राष्ट्र के अर्थ तंत्र की रक्षा का
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