Thursday, 25 August 2011

                                                  सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति,अजमेर
                                                                                                                  दिनांक 25 अगस्त 2011
       
अजमेर  25 अगस्त -सिन्ध के बिना हिन्द अधूरा है , पवित्र सिन्धु नदी वहां से निकलती है तथा सभ्यता संस्कृति की ‘ाुरूआत सिन्धु घाटी से हुई वहां के ऐसे ‘ाासक सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन थे जिन्होने सदैव विदेशी आक्रमण सहे और लगातार मुकाबला करते हुये देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये अपना  बलिदान दिया । उक्त सम्बोधन  सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन का जयन्ती कार्यक्रम के तहत  पूर्व सांसद श्री ओंकार सिंह लखावत ने कहे । नगर सुधार न्यास, नगर निगम व पर्यटन विभाग के सहयोग से समारोहपूर्वक कार्यक्रम की ‘ाुरूआत हिंगलाज माता पूजा अर्चना व महाराजा द्ाहरसेन के चित्र पर श्रद्वासुमन अर्पित किये । सर्वप्रथम कु. ममता तुलस्यिाणी ने वन्दे मात्रम, हरिसुन्दर बालिका की पूनम नवलाणी व गायत्री ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किये । पर्यटन विभाग की ओर से बून्दी के बाबूलाल, पुष्कर की ‘ान्ति देवी, अजमेर के सुरंगानन्द, कालबेलिया नृत्य व कच्ची घोडी का नृत्य मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । 


कार्यक्रम में राजस्थान सिन्धी अकादमी की ओर से आयोजित रंगभरो प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को समिति की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में मोहन तुलस्यिाणी ने स्वागत भाषण व श्री कवंलप्रकाश किशनाणी ने आभार प्रकट किया एवं कार्यक्रम का  संचालन आभा भारद्वाज व महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया ।
 


कार्यक्रम में विधायक प्रो. वासुदेव देवनाणी, श्रीमति अनिता भदेल, पाषर्द खेमचन्द नारवाणी, दीपेन्द्र लालवाणी, पूर्व सभापति श्रीमति सरोज देवी जाटव, सोमरत्न आर्य, श्री नवलराय बच्चाणी, भगवान कलवाणी, राजेन्द्र लालवाणी, वेदप्रकाश जोशी, स्वतंत्रता सेनानी ईसरसिंह बेदी, सिन्धी सेन्ट््रल महासमिति के महासचिव गिरधर तेजवाणी, जयकिश पारवाणी, ईश्वर भम्भाणी, रमेश मेंघाणी, जोधा टेकचंदाणी, मनोहर मोटवाणी, कमलेश ‘ार्मा, धर्मपाल सिंह, धर्मदास मंघाणी, रमेश एच.लालवाणी, ललित देवाणी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे । 



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