Wednesday, 30 May 2012

भाषा व संगीत से ही संस्कृति की पहचान होगी


भारतीय सिन्धु सभा, महानगर अजमेर
                                                                                                                                                 

अजमेर - भाषा व संगीत से ही संस्कृति की पहचान होगी एवं कार्यशाला के माध्यम से विधार्थियों को सस्ंकार दिये जाते हैं। उक्त आर्शीवचन भारतीय सिन्धु सभा की ओर से निर्मल धाम दरबार के सहयोग से स्वामी सर्वानन्द विधालय में 11 दिवसीय कार्यशाला के समापन के अवसर पर स्वामी आत्मदास ने कहे ।

इस अवसर पर कार्यशाला में श्री नवलराय बच्चाणी, श्री भगवान कलवाणी, श्री दौलतराम थदाणी, प्राचार्या श्रीमति मन्जीत कौर, श्रीमति देवी बार्इ मोटवाणी, श्रीमति कौशल्या कुन्दानाणी, श्रीमति शान्ता भिरयाणी ने शिक्षा, योग व संगीत की पूर्ण जानकारी दी जिससे विधार्थियों ने प्रस्तुत किया । प्रार्थना गीत, सांइ महर कजार्इ, बालक दिस तू उभ जा तारा, सिन्ध मुहिजी अम्मां की प्रस्तुति को सभी ने सराहा ।
                       
सभा के प्रान्त मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने आगामी 16 जून 2012 को सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के 1300वें बलिदन के अवसर पर स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम की पूर्ण  जानकारी देते हुये अधिक संख्या में उपसिथत होने की अपील की ।
           
इससे पूर्व र्इष्टदेव झूलेलाल, मां सरस्वती व स्वामी माधवदास के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया । पाषर्द खेमचन्द नारवाणी ने स्वागत भाषण व श्री तुलसी मोटवाणी ने आभार प्रकट किया। विधाार्थियों को स्मृति चिन्ह व प्रशसित पत्र प्रदान किये गये ।

            कार्यक्रम में गोविन्द हिमथाणी, राम निहालाणी, रमेश एच. लालवाणी मोहन तुलसियाणी, कमलेश शर्मा सहित कर्इ कार्यकर्ता उपसिथत थे । 

Tuesday, 29 May 2012

बाडमेर के जिलाध्‍यक्ष ईश्‍वर जी संगतानी का आकस्‍मिक निधन


शोक संदेश

अत्‍यन्‍त दुख के साथ सूचित करना पड रहा है कि भारतीय सिन्‍धु सभा के बाडमेर  के जिलाध्‍यक्ष ईश्‍वर जी संगतानी का आकस्‍मिक निधन  दिनांक २८ मई २०१२ को बालोतरा में हदयाघात से हो गया ।
४७ वर्षीय ईश्‍वर  जी वर्षो  से सामाजिक कार्यो में अपना सर्वस्‍व लगाकर योगदान प्रदान कर रहे थे  ।
उनके निधन  से भारतीय सिन्‍धू सभा ने जहां अपना एक तेजस्‍वी कार्यकर्ता खो दिया वहीं बालोतरा नगर वासियों को भी जमीन से जुडे एक सामाजिक कार्यकर्ता के खोने का गम सालता रहेगा जिसकी क्षतिपूर्ति  सम्‍भव नहीं है ।

भारतीय सिन्‍धु सभा राजस्‍थान उनके निधन पर गहरा दुख व्‍यक्‍त करते हुए परम प्रभु से उनके परिवारजनो को इस क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने और स्‍वर्गवासी आत्‍मा को अपने श्री चरणों में स्‍थान देने की हदय से प्रार्थना करती है ।
शोक सन्‍देश बालोतरा में श्री राजा संगतानी को उनके दूरभाष संख्‍या 94135 07417 पर प्रेषित किये जा सकते है ।
ओम शांति

Monday, 28 May 2012

Map for Maharaja Dahirsen Smarak


   

महाराजा दाहरसेन स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की आवश्यकता है- स्वामी भगत प्रकाश





सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति

अजमेर 26 मई । प्रेमप्रकाश मण्डल के भाव मण्डलेश्वर श्री स्वामी भगत प्रकाश ने  महाराजा दाहरसेन को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि महाराजा दाहरसेन स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की आवश्यकता है। 

आप ने आज सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक को देखकर कहा कि सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के 1300वें बलिदान वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमांे से युवा पीढ़ी को मिलेगी। आपने आवहान किया कि इस बलिदान वर्ष पर होनें वाले कार्यक्रमों में सभी तन-मन-धन से सहयोग करें। उन्होंने कहा कि महाराजा दाहरसेन के राष्ट्र रक्षा में पूरे परिवार के बलिदान का उदाहरण इतिहास में गौरवमयी है। 

स्वामी भगत प्रकाश जी का स्मारक पर आगमन पर समारोह समिति के कंवल प्रकाश किशनानी, महेन्द्र कुमार तीर्थानी, पूर्ण शर्मा, ताराचन्द राजपुरोहित, खेमचंद नारवानी, रमेश एच लालवानी, तुलसी सोनी, द्वारका लखवानी, रमेश मेंघाणी, चेतन शिवनानी सहित कई कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

उल्लेखनीय है कि आगामी 16 जून को सिन्धुपति महाराज दाहरसेन के 1300वें बलिदान दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएगे।
    



Sunday, 27 May 2012

World Sindh Congress,Pakistan Hindu Council,Pakistan 

Minorities Rights Organisation (PMRO),All Pakistan Christian 

League(APCL) and All Pakistan Minorities Alliance protest 

against Chief Justice of Pakistan being awarded International 

Jurists Association. We demand a fair trial and accountability 

for cases Hindu and Christian girls in the Supreme Court of 

Pakistan. Protest venue 19-21 Great Marlborough Street

 London W1F 7HL (Tube Station Oxford Circus) Contact 

Rubina Greenwood 07974225219 Please invite friends and 

supporters.

सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन समारोह समिति ऐं भारतीय सिन्धु सभा,
मानवरा भाउ,
जय झूलेलाल,
तव्हां साहिब सपरिवार खुष मजे में हुन्दा ।
संगठन पारां रिथयल कार्यक्रम मूजब सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन जे 1300वां बलिदान द्ीह 16जून 2012 (सुबह 9.00 बजे खां)सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक, हरिभाउ उपाध्याय नगर, पुश्कर रोड अजमेर (बस स्टैण्ड खां 4 कि.मी. ऐं रेल्वे स्टेषन तां 6 कि.मी. दूरी) ते मल्हायो वेदों ।
हिन कार्यक्रम में परम पूज्यनीय सरसंघ चालक माननीय मोहनराव जी भागवत मुख्य अतिथी जे रूप में आर्षीवाद द्ीदां । अखिल भारतीय सिन्धी साधु समाज जो राश्ट्रीय सम्मेलन पिण रखियो वियो आहे जहिमें महापुरूशन जो आर्षीवाद पिण मिलन्दो । भारतीय सिन्धु सभा जी राश्ट्रीय कार्यकारिणी जी बैठक बि रखियल आहे ।
तव्हां साहिबन खे वेनती आहे त पहिरी खां मिलयल पूरी ज्ाण मुताबिक तव्हां जहिरे सेवाभावी ऐं समर्पित कार्यकर्ताअन रात द्ींह हिक करे सभिनी खे जोडे तैयारी कई हुन्दी । कार्यकर्ताअन जी सूची पूरी तैयार थी वई हुन्दी ऐं बसन जी पिण बुकिंग कराई हुन्दी। बस जो प्रभारी बि तय थी वियों हुन्दों जो रस्ते में पानी ऐं अल्पहार जो पिण बन्दोबस्त करे कार्यकर्ताअन लाए सांहिलयत कन्दो ।
तव्हां खे निमाणी वेनती आहे -
1. बस जो नम्बर लिखी, उनजे मुख्यिा जो नालो ऐ मोबाईल नम्बर ऐ कहिडे स्थान तां अची रही आहे । उन बस में घणा कार्यकर्ता आहिन, उनजी ज्ाण सां गद् ड्राईवर जो नालो ऐं मोबाईल नम्बर हुजे।
2. हिक वद्ो फलेक्स दाहरसेन समिति जो हुजे ऐं षहर जो नालो ।
3. बस रवानगी थियण जो टाइम ऐं अजमेर पहुचण जो वक्त जरूर बुधाईंदा, जहिंसा आवास व भोजन जी सोहिलयत थी सघे ।
4. अजमेर में आवास जो प्रभारी श्री तुलसी सोनी - 98290 29647/9462136308 ऐं यातायात पार्किग श्री राजेन्द्र लालवाणी 98290 70055 रहंदा ।
मेहरबानी,
तव्हाजों,

(लेखराज माधू) (मोहनलाल वाधवाणी)
प्रदेष अध्यक्ष प्रदेष संगठन महामंत्री,
9414442634 9414047231

Courtesy Pradeep Gehani, Jodhpur

Friday, 25 May 2012

Rinkle Kumari: The Timeline of Injustice


Rinkle Kumari: The Timeline of Injustice

In Blog Posts on May 25, 2012 at 5:31 PM
A massive rally by Muslims and Hindus in Karachi against Rinkle’s abduction
February 24:
  1. Rinkle Kumari was abducted / disappeared early in the morning. At 11:00 am Nand Lal, her father received a call from Mian Aslam son of Mian Abdul Haq (aka Mian Mitho) who informed that Rinkle was with him and had embraced Islam. Later in the evening, family was informed that Rinkle’s Nikah had been administered with a Muslim boy Naveed Shah.
  2. Hindu community’s Mukhi (leader) from Deherki, Mr. Namo Mal contacted Mitho and requested him to bring the girl and settle the dispute. Mitho didn’t.
  3. Muslims and Hindus of the area jointly protested against this and blocked the National Highway. Police showered heavy shelling on the protesters after which they went on strike closing the markets and lodged the FIR for kidnapping
  4. Police refused to name Mitho and his sons in the FIR. Even DPO could not recover Rinkle from Mitho’s custody.
February 25:
  1. Rinkle was produced in the court of Hasan Ali Kalwar, Judge Civil Court Ghotki. As soon as she saw her family in the court, she screamed before the judge and pleaded to let her go with her mother. The judge, however, had to inform her parents if they insisted on taking Rinkle along, they would be responsible for the killing of 2000 Hindus of District Ghotki at the hands of religious extremists.
  2. Rinkle’s custody, thus, was given to the police with an order to send her to Sukkur Women’s Police Station. But she was taken to Sukkur in the car of Mithu’s son, as reported in Sindhi newspapers. Point to be noted, a private car belonging to the accused party was used to transport the victim, who was in police custody.
  3. The judge gave a new date for hearing (February 27)
February 26:
  1. Rinkle’s family met Rinkle in Women’s Police Station Sukkur, where she was kept on court’s orders.
  2. Rinkle informed her family that Mian Mitho spoke to her earlier that night on the cell phone of a police constable. When she refused to talk to him, she was manhandled and was made to speak to Mitho who reportedly threatened her to change her statement if she wanted to see her family alive.
February 27:
  1. Police took Rinkle from Sukkur to Mirpur Mathelo, at 2:00 am according to the sources in Sukkur Police Station. The official version, though, is that they took her at 3:30 am to the Sukkur District Headquarters.
  2. According to the official records, DIG Sukkur Police was in Karachi on February 27, while DPO was in Khairpur Mirs and DSP Mirpur Mathelo was in Karachi bench of Supreme Court. Who was the Headquarter under, that day? Why police deemed it necessary to take the girl to the Headquarter at that point in the night?
  3. At 3:30 am, SHO Zulfiqar Meher called Rinkle’s family and informed that the Hearing would be in Ghotki instead of Mirpur Mathelo.
  4. Half of the family decided to go to Ghotki, half to Mirpur Mathelo. Hearing took place in Mirpur Mathelo eventually but it is unknown why the SHO misled the family?
  5. About a kilometer radius of the area around the court in Mirpur Mathelo was sealed. For Hindus, that is. Nobody from Hindu community was allowed even near the court, while hundreds of Mitho’s armed men were there.
  6. Four people from Rinkle’s family who were allowed in the court were Sulachini, Rinkle’s mother, Daya Ram, her paternal uncle, Rajkumar, her maternal uncle and Manohar Lal, her grandfather.
  7. Mian Mitho said outside the court, if the decision comes against him, he would ‘be obliged to fire the bullets’.
  8. At 8:30 am, only two of the four allowed family members got permission to enter the courtroom, i.e., Sulachini Devi and Daya Ram. According to Sulchini Devi, the court room was full of Mian Mitho’s men
  9. At 8:45 am, people outside the court heard loud noise of ‘Mubarak’ (congratulations) from inside the courtroom for her ‘embracing Islam’.
  10. The court gave the judgment that Rinkle Kumari was Muslim and had married Naveed Shah.
February 28:
  1. Rinkle’s uncles addressed a press conference against this injustice and unfair treatment on the part of the state institutions and high-handedness of local the local vadera(feudal) having full governmental support.
  2. Mitho’s men, led by one Hisam Kalwar (Mian Mitho denied this but there are eye witnesses of the incident) stormed into Rinkle’s grandfather’s office and fired at him. The old man survived, but the family got scared and shifted to Karachi.
February 29:
  1. Mr. Ghulam Shah from Sindhi United Party and Mr. Riaz Chandio from Jiye Sindh Qaumi Mahaz were contacted by Mian Mitho, who expressed his willingness for a deal. He offered to let Rinkle meet with her family if the family compromises and accepts her religious and marital status. The family responded positively and gave commitment to honour Rinkle’s decision to convert and to marry, if and only if she was doing it on her free will, not under someone’s coercion. To ensure that, Mr. Ghulam Shah, a respected Sindhi nationalist (Muslim by religion) offered to keep Rinkle as his daughter in his home for 12 hours and give her free environment without letting any party meet her. Mitho did not agree to the proposition and a thin hope of resolving the issue died down.
  2. Mr. Khalid Soomro of JUI-F was contacted by the family and by the Sindhi nationalists to mediate between Hindu community and Mian Mitho. Soomro tried, but failed due to Mitho’s stubbornness.
March 3:
  1. The family filed a petition in the Sindh High Court, Karachi challenging the February 27 judgment of Session Court Mirpur Mathelo.
March 6:
  1. The appeal accepted by the Sindh High Court. March 12 was given as the hearing date. Takes Rinkle in police custody.
  2. SHO thana Frear Town Karachi South allegedly facilitated Mian Mitho to speak to Rinkle, ordered Hajra Usman Inspector South to make Rinkle talk to Mitho. Inspector Hajra reportedly manhandled Rinkle and coerced her to take Mitho’s phone call. Mitho once again threatened Rinkle of dire consequences if she changes statement and denies being Muslim. Contact with both police officials could not be established, however, according to some Sindhi language newspapers, they denied these allegations.
March 8:
  1. Supreme Court of Pakistan takes note of the incident and re-opens an old pending petition against forced conversions of Hindu girls by local extremist elements, filed by Pakistan Hindu Council (PHC) in 2007.
  2. Supreme Court included Rinkle’s case in the PHC petition, along with two other recent cases of alleged forced conversion, Dr. Lata Kumari and Aasha Kumari.
  3. Next hearing was fixed on March 26.
March 11:
  1. Rinkle’s press conference was organized while she was still in police custody. Who bore the expenses for the press conference is unknown. Although some Karachi based reporters confirmed that Mian Mitho’s men informed them about and invited to the press conference.
  2. In the press conference, Rinkle was being dictated through the Bluetooth mobile device. Her complete ignorance of basic Islamic tenants was visible to many reporters, while she insisted that she was ‘influenced by Islamic tenants’. Cross-questioning was not allowed by Mitho’s men, who took away Rinkle when the reporters tried to question.
  3. Reports of the Press Conference were highlighted in the mainstream media to influence court’s proceedings and public opinion, who now believed that Rinkle had embraced Islam on her own free will.
March 12:
  1. Around two hundred men of Mian Mithu with open display of weapons make their appearance outside the High court.
  2. The court keeps Rinkle’s custody to Police and closes the proceedings in view of Supreme Court’s orders to produce Rinkle on March 26.
  3. American Congressman Brad Sherman wrote a letter to the President of Pakistan urging him to look into the matter.
March 26:
  1. Rinkle Kumari and Dr. Lata Kumari were produced in the Court. During the court proceedings, Rinkle cried and screamed she wanted to go with her mother. Seeing similar reaction from Dr. Lata, Chief Justice ordered the court to proceed in camera. After taking detailed statements from both the girls, Chief Justice announced in front of national and international media that Rinkle Kumari had pleaded to go with her mother while Dr. Lata was double minded.
  2. To the surprise of many, despite her clear statement Chief Justice ordered to keep both the girls in Panah, the shelter home, where both should not be allowed to meet anyone so they get a free environment without any influence, to decide about their life. Panah is run by revered Justice Majida Razvi, former chairperson National Commission on the Status of Women.
  3. Court adjourned till April 18
March 27:
  1. Maulana Shirani, Chairman Council of Islamic Ideology gave the statement that Rinkle should be sent home if she has been forcibly converted and that forced conversions have no place in Islam
April 10:
  1. Naveed Shah, so called husband of Rinkle, requested the Supreme Court for permission to meet Rinkle. Chief Justice rejected the application saying she wanted to go with her mother
  2. Speaking at a seminar organized by Anjuman-e-Talaba-e-Islam in Islamabad, Mian Mitho while answering a question said he will not accept the decision of Supreme Court if it decides against him. He also said at the event that all the ‘gaddi nasheens’ (caretakers) of Dargahs in Sindh take money and let such girls go, including Mian Abdul Khaliq, the gaddi nasheen of Bharchundi Sharif (who is Mitho’s nephew).
April 12 – 14:
  1. Naveed Shah and Mian Aslam allegedly met Rinkle several times in Panah, a charge Justice Majida Razvi strongly denies and offers to produce CCTV footage if needed by the court. The family, however, insists that they have credible information that two lower level staff members were threatened by Mian Mitho for facilitating those meetings. They said they would provide the witness in the court.
April 17:
  1. Human rights activists along with the family of Rinkle held a press conference in Islamabad in which her family categorically declared that they have no objection if their daughter embraced Islam of her own free will and for the love of Islam. They also declared they would accept her decision of marrying Naveed Shah and would rather celebrate the wedding with all the traditional customs including gifting her dowry. But their only request from the court was to look deep into the matter if the conversion and marriage is on her free will in real sense of the concept.
April 18:
  1. Rinkle, along with Dr Lata and Aasha were presented in the Supreme Court. As soon as they appear, Chief Justice said they should record their statement in Registrar’s office and should ‘freely’ tell where they wanted to go. Based on their ‘free’ statement, they would be allowed to go wherever they wanted.
  2. Upon entering the court Rinkle handed over a piece of paper to the Chief Justice. It never came out what Rinkle wanted to say, which was not heard by the court.
  3. The Court wrote the Order before taking the statement from any of the girls and gave half an hour after which girls had to record their statements in Registrar’s office. But curiously enough, they were called in Registrar’s office after one and a half hour during which Mian Mitho and his sons are reported to have met with the Registrar. When asked via email, the Registrar’s office did not respond to the query. According to some reports, Naveed Shah, some policemen and Mian Mitho’s son were present when Rinkle’s ‘freewill’ statement was being recorded in Registrar’s office.
  4. As per Rinkle’s statement issued later by the Registrar’s office, she opted to go with her ‘husband’.
  5. The mainstream media glorified her exercise of ‘free will’ while demagogues on TV talk shows (including liberals) kept preaching about respecting Rinkle’s ‘right to choose’ who is an adult citizen of Pakistan and should be allowed to ‘freely’ make decisions about her life.
April 19:
  1. In a popular TV talk show, a hyper anchor of the show invited Mina Mitho, Ramesh Lal, MNA, Aamir Liaqat Ali, a so called religious scholar known for extremist views (whose anti-Ahmadi tirade on his TV show ended up in killings of two Ahmadis four years ago), Aasha Kumari with her ‘husband’ and Rinkle Kumari on phone. In the show, the anchor deliberately did not let the other point of view come out. A lopsided discussion was engineered to prove that the girls have indeed converted on their free will and for the love of Islam, not just for marriages.
May 17:
  1. While disposing off the petition by Pakistan Hindu Council regarding forced conversions of Hindus, Chief Justice of Pakistan declared that in the existence of Article 20 of the Constitution, there was no need for special legislation regarding the protection of the rights of minorities.
May 22: 
  1. Rinkle’s family files a Review Petition in Supreme Court of Pakistan and urges inquiry into the role of Ghotki police and of Mian Mitho in the case.
  2. Rinkle awaits justice!

Thursday, 24 May 2012


रिंकल कमारी द्वारा सही गया अत्याचार शोलों का काम करेगा व विश्व से कटटरता का नाश करेगा- इन्द्रेश कुमार


रिंकल कमारी द्वारा सही गया अत्याचार शोलों का काम करेगा व विश्व से कटटरता का नाश करेगा- इन्द्रेश कुमार
हिन्दू समाज को संगठित व एकजुट होकर पाकिस्तान में अपनी बेटी रिंकल कुमारी के लिए आगे आना होगा। रिंकल कुमारी द्वारा सही गई यातनाएं व पीड़ाएं व्यर्थ नहीं जाएगीं। रिकल कुमारी मां सीता की भांति प्रतीक रहेगीं जिन पर हुए अत्याचार ने आततायी रावण से विश्व को मुक्ति दिलाई। उन्होंने समाज को झंझोरते हुए कहा कि अपनी इज्जत को बचाने के लिए सर्वस्व भी लुट जाए तो परवाह नहीं करनी। उन्होंने सिन्धी समाज द्वारा की गई मांग कि सिन्ध को छोड़कर आने वाले हिन्दू परिवार को भारत में शरण व काम करने की आजादी को सर्मथन तो दिया पर साथ ही यह भी कहा कि यह इसका स्थायी समाधान नहीं। सिन्ध व पूरे पाक में रहने वाले हिन्दूओं को संघर्ष के लिए  तैयार रहना होगा, भारत का हिन्दू जाग गया है वह सदैव अपने भाइयों के साथ है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि सरकार को एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल बनाना चाहिए जो पाक में रहने वाले अल्पसंख्यकों की समस्याओं व उनके अधिकारों को लेकर वहां की सरकार पर नजर रखे व बात करे। उन्होंने भारतीय सिन्धु सभा की सराहना करते हुए कहा कि इस मसले उन्हें योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने सुझावा दिया कि विश्व भर में जितने भी नारी उत्पीड़न व मानवाधिकार संगठन है उन सब तक पत्र लिखकर मामले की जानकारी देनी होगी व लगातार सपर्क रहकर यह सुनिश्चित करना होगा कि वह पाकिस्तान पर दवाब बनाएं। उन्होंने यूएनओ में भी मामले को ले जाने को कहा कि ताकी वे पाक में आकर वहां अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करें। विगत काफी समय से निरंतर समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान में विशेष रूप से सिन्ध में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर बहुसंख्यक वर्गो द्वारा किए गए अत्याचार एवं अनाचार के बारे में रा.स्व.संघ के प्रचारक व संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार ने भारतीय सिन्धु सभा, दिल्ली प्रांत द्वारा आयोजित संाकेतिक धरना प्रदर्शन पर आए हुए विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान में इस तरह का व्यवहार इस्लाम को तो बदनाम करता ही है साथ ही पाकिस्तान की नेक नीयत पर भी सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का जन्म ही नफरत की जमीन पर हुआ है व आज भी ऐसी घटनाएं उसका भारत के प्रति द्वेष को दर्षाता है। भारत सरकार का भी चाहिए कि वे ऐसी घटनाओं के प्रति संवदेनशीलता दिखाए व पाक सरकार पर प्रभावी दवाब बनाएं ताकि वहां रह रहे हिन्दुओं भाई बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकें क्योंकि कटटरता व नफरत से कभी किसी का भला नहीं हुआ है यह नफरत व कटटरता तरक्की व खुशहाली के रास्ते में बड़ी बाधा व रोड़ा है। पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों विशेषकर महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों पर गहरी चिन्ता जताते हुए श्री इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि आज जनता में जागृति पैदा करने की जरूरत है ताकि रिंकल जैसी हजारों हिन्दू बेटियों को बचाया जा सके। आज एक रिंकल बेटी बचेगी तो कल हजारों लाखों हिन्दू बेटियों की इज्जत बच सकेगी।   इसी विषय पर 21 मई को भारतीय सिन्धु सभा, दिल्ली प्रांत की अगुवाई में शाम 5 बजे से जंतर मंतर पर दो घंटे का धरना प्रदर्शन किया गया जिसमें माननीय इन्द्रेश कुमार के अलावा सांसद श्री तरूण विजय व अविनाश राय खन्ना भी उपस्थित हुए जिन्होंने इस मसले को संसद के भीतर उठाया है। श्री तरूण विजय ने कहा कि संसद में उन्होंने अपने साथियों के साथ इस मसले को उठाया है व सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वे जरदारी से इस बारे में बात करेगे पर इतना काफी नहीं है सवाल यह है कि आज उस बहादुर रिंकल कुमारी के साथ कौन है, उन्होने पाक में रह रहे ईसाईयों का उदाहरण दिया कि उनके लिए अमेरिका साथ खड़ा रहता है, इसलिए कमजोर रहकर अपनी बात नहीं रखनी बल्कि समाज को एकजुटकर अपना आंदोलन चालू रखना होगा तभी हमारी हजारों रिंकलें बच सकेगी। श्री अविनाश राय खन्ना ने कहा कि उन्होंने भी संसद में इस बात को रखा तो उन्हें आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही इस मसले पर संसद में एक उच्चस्तरीय कमेटी बनेगी जो पाक में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मामले को देखेगी।  इस धरना प्रदर्शन में इनके अलावा हिमालय परिवार के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सीएस पार्चा, सुरेन्द्र नीलम बुद्धिराजा, निगम पार्षद केशोरानी नीलदमन खत्री, निगम पार्षद रजनी ममतानी समेत सिन्धी समाज दिल्ली के आदरणीय साई वसणशाह दरबार के संत साई जगदीशलाल जी विशेष रूप से कार्यक्रम में उपस्थित थे। श्री जगदीशलाल जी ने अपने आर्शीवचन में कहा कि रिंकल कुमारी एक चिंगारी है इसे शोला बनाना होगा व सिन्धी समाज को अन्य हिन्दू समाजों के साथ मिलकर एकजुटता दिखानी होगी व जल्द ही यहां पर एक हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर सरकार को जगाना होगा। पाषर्द रजनी ममतानी व दादा सतराम ममतानी के अलावा जयपुर के गोबिन्द रामनाणी के साथ वहां के लेखराज केसवानी व नत्थूराम जी ने भी विषय पर अपने प्रभावी विचार रखे।    कार्यक्रम में गांधीधाम से प्ररेणास्त्रोत के रूप में राकेश लखानी विशेष रूप से उपस्थित थे जिन्होंने फेसबुक व टिवटर पर इस मसले पर अभियान छेड़ रखा है। हिमालय परिवार से महामंत्री धीरज कुमार, सोमेश लिलौठिया, विपीन जैन, अंजु बग्गा, संजय कटारिया, भुवन भटट, इंदौर से भारतीय सिन्धु सभा के प्रतिनिधि राजेन्द्र सचदेव, जयपुर से भारतीय सिन्धु सभा के अखिल भारतीय संगठन मंत्री गोबिन्द रामनाणी व जयपुर नगर निगम में पार्षद भगवान मनवानी, नत्थूराम व वकील लेखराज केसवानी समेत दिल्ली के वयोवृद्ध सिन्धी बजुर्ग सतराम ममतानी, भारतीय सिन्धु सभा दिल्ली के संरक्षक हरी आसवानी व कोषाध्यक्ष जयराज उदासी, साहिब बजाज, वकील गिरधारीलाल आर्य, मनोज सिन्धी, टेकनदास छाबड़ा, संजय बतरा, राजू कल्याणी के साथ साथ पाक सिन्ध से आए हुए कुछ नवयुवकों का समूह भी आया था जिनके प्रतिनिधि बाबू तेजवानी ने सिन्ध में अपने परिवारों की दर्दनाक पीड़ा बयान की जिस पर श्री इन्द्रेश कुमार व श्री तरूण विजय ने ढांढस बंधाते हुए उन्हें पूर्णयता साथ देने का भरोसा दिलाया। संबोधन के बाद सब ने मिलकर कैण्डल जलूस निकाला जोकि जंतरमंतर पर समाप्त हुआ। कार्यक्रम का  संचालन महामंत्री देवीलाल लालवाणी ने किया व अतं में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय सिन्धु सभा दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष श्री महेन्द्र सनपाल ने विशेष रूप से श्री इन्द्रेश कुमार  का मार्गदर्शन देने के लिए आभार प्रकट किया व आए हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के संयोजक संगठन मंत्री कमल खत्री रहे।

Saturday, 19 May 2012

Veengas: Editorial on Rinkle Kumari


Editorial on Rinkle Kumari
Rinkle Kumari who wanted dew of justice…!
Law, constitution and International Human Rights Charter all are saying “In the Eyes of Justice, all are equal, no difference of race, nation and religion.” And people have faith that if there is no justice in the court of power-makers then queen of justice has big heart and she will listen our case of injustice because Injustice that would be caused of entire pain and inequality on the earth.
Poor people always have hopes from Iron Walls and foggy roads, they are unable to realize that Queen of Justice would listen whatever she is forced to hear by power-makers in the world. If we are not wrong, what had happened on 18 April 2012, on case of Rinkle Kumari as we had already written in our pervious Editorial that “Mr. Jinnah! Rinkel Kumari is not free to go her home either” when poor eyes of parents and people were awaiting decision while holding their heart beatings and sudden Chief of Justice Mr. Iftekhar Ahmed Choudhary crossed his all attitude of decision-making, he announced that Rinkle Kumari, Lata Kumari and Asha Kumari must go to registrar and submitted their willingness, where would they want to go and besides he continued local courts decisions.
While hearing case in open court, Mr. CJ sent them to registrar, was this case of missing of goat or broken glass? Of course, this case was/is very sensitive and has involvement of religion and thugs got indirectly license for kidnapping in the name of Islam and put label of forcibly conversion into Islam, over head of innocent girls than none can ask you that why have you committed crime? As Mr. CJ and government of Pakistan ruling Party People’s Party of Pakistan and its allies were silent as their existence isn’t in this country.
We can understand well if religion comes in issues, issues become Holy instead of issues must be remained as issues though Rinkle’s case among two girls cases, was very fragile because her case came up at international level and she herself loudly admitted on 26 March 2012, at supreme court that she wanted to go with her mother and she would prefer to die, instead of accepting another religion, she said. Eyes of world saw, when she was forcibly sent to Naveed Shah under the command of Mian Mitho, who is main character of this entire story of kidnapping.
“On 18 April, 2012, Rinkle had revealed bitter truth that after 26 March 2012, she was tortured and raped, not only this but Naveed Shah was coming to me at Darul-Amaan, Now they have given me threats, if I go along with my mother, they will kill my whole family; what would you do? You are unable to save me, Nor at Mirpur Mathilo, Sindh High Court, Neither at Supreme Court.”
Wasn’t this Supreme Court contempt? Didn’t CJ know about it? Why he sent such sensitive case to registrar? Why hadn’t given safety wall to Rinkle and her parents? Why wasn’t asked to Mian Mitho that what’s his relation with Navid Shah? And what was Rinkle doing in House of Mian Mitho?
Chief Justice didn’t ask single question to Mian Mitho and Naveeda Shah as both weren’t involved. At other side of case, where CJ and government were closed their eyes, zip its lips and put cotton in ears, there Human Rights organizations were silent, as they have gone on tour and unaware regarding case. According to Rinkle Kumari’s Uncle reported, he tried to catch up with HRCP ( Human Rights Commission of Pakistan), sadly, they did not respond though they didn’t even pick up our calls, I had been knocking doors in Islamabad but nowhere got response.
Those who know well nature of Human Rights Organizations, mostly run on contract-based when see no interest of money-making, none be able to up voice. We have example of Mukhtiara Mai, whose case came on international level and many organizations got projects in the name of women’s empowerment, but same organizations are silent on Dr. Shazia Khalid and Rinkle’s Case, WHY?
After 18th April, 2012, worst decision, Rinkle has been in the custody of Mian Mitho, instead she should be gone with Naveed Shah. Supreme Court ordered that after 15 days must be reported for Rinkle Kumari’s condition. Where is Queen of Justice? When reports came that Rinkle has lost her legs and one arm while torturing by them (Mian Mitho’s men).
How long will injustice and wrong steps be done in the name of religion? If law and justice closed its eyes on injustice than injustice would become vulture and finally one day it will swallow whole society.
This is not only Rinkle who first kidnapped, second sent Darul-Umaan and finally forcibly sent with Naveed Shah, in fact, it was justice that was moving here and there and in last put into box of injustice.
At least one thing has been proved that still Big Cats look at small Cats and Big Cats are powerful, so how can we have faith in justice that “All are equal in the eyes of Justice” No and Never all are not equal.
Innocent girl Rinkle Kumari was crying and wanted dew of justice but what she received whole picture is in front of us.
We can understand that State Court is unable to make decision freely but questions need answers and Court of Justice is asking, how did you handle this case?
Published in Monthly English Magazine Bolan Voice on May/2012.

21 may dharan & candle march






पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ किये जा रहे 
अत्याचारों के विरोध में 
दिल्ली के जन्तर मंतर पर 
दिनांक 21 मई सोमवार को सायं 05 बजे से 07 बजे तक 
आयोजित सांकेतिक धरने व कैण्डल मार्च 


मुख्य वक्ता:       श्री इन्द्रेश कुमार (सदस्य अ.भा. कार्यकारिणी रा.स्व.संघ)
अन्य वक्ता  :       श्री तरुण विजय सांसद         
                    श्री ओम प्रकाश माथुर सांसद
                    श्री  अविनाश राय खन्ना सांसद
अन्य अथिति :       श्री रजनीश गोयनका जी (सनातन धर्म सभा)
                     श्री जयभगवान गोएल जी ( हिन्दू मंच)
                     श्री करुना प्रकाश जी (विश्व हिन्दू परिषद्)
                     श्री सी एस पार्चा (हिमालय परिवार) 
                      श्री गिरीश जुयाल  (मुस्लिम राष्ट्रीय मंच)
                      
आयोजक :    भारतीय सिन्धु सभा दिल्ली प्रान्त
सम्पर्क सूत्र :   महेंदर सन्पाल (अध्क्ष्य)  फ़ोन : 9910050252
                देवीलाल  लालवानी ( महामंत्री) : 9212238590
                कमल खत्री (संघठन मंत्री) 9212661495
                  




Friday, 18 May 2012

Protest and Candel march on 21 st May







पाकिस्‍तान में रह रहे हिन्‍दुओं की स्थिति आपको विचलित करती है ? किसी रिंकल किसी आशा में आपको अपनी बहिन दिखाई देती है ? हिन्‍दु मां बहिनों की अस्मिता को लुटता देखकर यां उनका बलात धर्मान्‍तरण होता देख आपको अपने किसी दायित्‍व का बोध होता है ?

 यदि हां तो  यह सन्‍देश आप ही के लिये है

पाकिस्‍तान में हिन्‍दुओं के साथ किये जा रहे अत्‍याचारों के विरोध में दिल्‍ली के जन्‍तर मंतर पर दिनांक 21 मई को सायं 05 बजे से 07 बजे तक आयोजित धरने एवं केण्‍डल मार्च में आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थनीयहै ।

दिल्‍ली से दूर रहने वाले हिन्‍दू बन्‍धुओं से अपील

अपने स्‍थान पर हिन्‍दू बन्‍धुओं को एकत्र कर सायंकाल केण्‍डल मार्च का आयोजन करें । भारत सरकार को इस विषय में हस्‍तक्षेप की अपील के साथ ज्ञापन दें ।








आपकी प्रतीकात्‍मक आवाज  पाकिस्‍तान में रह रहे हिन्‍दू बन्‍धुओं के लिये संजीवनी का कार्य  करेगी ।

Protest and Candel March for our innocent hindu brothers and sisters in sindh ( Pak) by Bhartiya Sindhu Sabha at Jantar Mantrar on 21 May 5-7 PM.