भारतीय सिन्धु सभा
महाराजा दाहरसेन के 1300 वे बलिदान दिवस पर राजस्थान प्रान्त में अभी तक मिली जानकारी के अनुसार कुल 31 स्थानों पर श्रद्वांजलि सभाएं आयोजित कर सिन्धुपति को श्रद्वा सुमन अर्पित किये गये । एक साथ इतने स्थानों पर सिन्धु सभा के कार्यक्रमों का आयेाजन एक रिकार्ड है । इसने जहां जन सामान्य में अपने गौरवशाली अतीत के प्रति समाज के समर्पण को उजागर किया हे वरन्र सिन्धु सभा के प्रति समाज बन्धुओं के बढते रुझन को भी इंगित किया है ।
उल्लेखनीय हैं कि भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान ने 16 जून 2011 से 16 जून 2012 तक सिन्धु के इस महान सपूत के 1300 वें बलिदान को वर्ष भर मनाने का निश्चय किया है । 16 जून 2011 से प्रारम्भ करते हुए जिसमें विभिन्न इकाईयों द्वारा प्रभात फेरियों , गोष्टियों के आयोजन एवं विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं के माध्यम से जन सामान्य में सिन्ध एवं देशभक्ति की भावना को बढावा देने का प्रयास किया गया । पूरे प्रदेश में समाज के गणमान्य लोगों ने इस पहल को सराहा । आज की युवा पीढी के लिये इसे अत्यावश्यक बताते हुए इस परम्परा को बनाए रखने का आग्रह किया । महाराजा दाहरसेन को स्मरण करने के साथ ही समाज ने अपने विस्म़त हो रहे संस्कारों को भी पुन संवारने ,याद करने का कार्य किया है ।
भारतीय सिन्धु सभा की निम्न् ईकाईयों द्वारा सिन्धुपति महाराजा दाहिरसेन की 1300 वी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किये गये - जयपुर, अजमेर, किशनगढ, भरतपुर, भीलवाडृा, केकडी , चित्तोडृ उदयपुर, बासवाडृा डूंगरपुर कोटा, झालावाड् भवानीमण्डी झलरापाटन जोधपुर,पाली, आबूरोड, बालोतरा, बाडमेर,जैसलमेर, बीकानेर, सूरतगढ, हनुमानगढ, नोहर, निवाई, चुरु, अलवर, बहादुरगढ, मण्डावर, सीकर, बल्लभगढ
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